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Sunday, January 17, 2016

Women ki helth ko achi banaye alsi

पुरूष को कामदेव तो स्त्रियों को रति बनातीहै अलसी अलसी जिसे अतसी, उमा, क्षुमा, पार्वती,नीलपुष्पी, तीसी आदि नामों से भी पुकारा जाता है, एक आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक और चमत्कारी दिव्य भोजन है।

अलसी दुर्गा का पांचवा स्वरूप है। प्राचीनकाल मेंनवरात्री के पांचवे दिन स्कंदमाता यानी अलसीकी पूजा की जाती थी और इसे प्रसाद के रूप मेंखाया जाता था। जिससे पूरी सर्दी में मौसमीबीमारियां नहीं होती थी।
मन को शांति मिलतीथी, वात पित्त और कफ तीनों रोग दूर होते थे औरजीते जी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती थी।अलसी एक सम्पूर्ण आहार है जिसके मुख्य तत्व 18%प्रोटीन, 27% फाइबर, 18% ओमेगा-3 फैटी एसिड,लिगनेन व सभी विटामिन और खनिज लवणों काभंडार हैं। लिगनेन है सुपर मेन तो ओमेगा-थ्री रोगों सेकरती है फ्री।
शुद्ध, शाकाहारी, सात्विक, निरापद और आवश्यक ओमेगा-थ्री का खजाना है अलसी।कब्जासुर का वध करती है अलसी। आयुर्वेद के अनुसारहर रोग की जड़ पेट है।

मधुमेह जरासंध है तो भीमसेन हैअलसी।रक्त को पतला बनाये रखती है अलसी।रक्तवाहिकाओं को स्वीपर की तरह साफ करतीरहती है अलसी। कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को सहीरखती है अलसी।

यानी हार्ट अटेक के कारण पर अटेककरती है अलसी।मीनोपोज़ की तकलीफों पर पॉज़ लगा देती हैअलसी।पुरुषरोग में सस्टेन्ड रिलीज़ वियाग्रा है अलसी। जोअलसी खाये वो गाये जवानी ज़िंदाबाद बुढ़ापाबाय बाय।

पुरूष को कामदेव तो स्त्रियों को रति बनाती हैअलसी।बॉडी बिल्डिंग के लिये नम्बर वन सप्लीमेन्ट हैअलसी।फीलगुड फूड है सुपरस्टार अलसी। क्योंकि अलसी सेमन प्रसन्न रहता है, झुंझलाहट या क्रोध नहीं आताहै, पॉजिटिव एटिट्यूड बना रहता है और पति पत्निझगड़ना छोड़कर चम्बल गार्डन में ड्यूएट गाते नज़र आतेहैं।

माइन्ड का Sim card है अलसी यहां सिम का मतलब सेरीनिटी, इमेजिनेशन और मेमोरी तथा कार्ड का मतलब कन्सन्ट्रेशन, क्रियेटिविटी, अलर्टनेट, रीडिंगराईटिंग थिंकिंग एबिलिटी और डिवाइन है।

आपराधिक प्रवृत्ति से ध्यान हटाकर अच्छे कार्यों मेंलगाती है अलसी। इसलिये आतंकवाद का भी समाधान है अलसी।कभी-कभी चश्में से भी मुक्ति दिला देती है अलसी।

दृष्टि को स्पष्ट और सतरंगी बना देती है अलसी।कई असाध्य रोग जैसे एल्ज़ीमर्स, मल्टीपलस्कीरोसिस, डिप्रेशन, पार्किनसन्स, ल्यूपसनेफ्राइटिस, एड्स, स्वाइन फ्लू आदि का भी उपचारकरती है अलसी।

त्वचा, केश और नाखुनों का जीर्णोद्धार करती हैअलसी। सुरक्षित, स्थाई और आंतरिक सौन्दर्यप्रसाधन है अलसी। त्वचा, केश और नाखून के हर रोगजैसे मुहांसे, एग्ज़ीमा, दाद, खाज, सूखी त्वचा,खुजली, सोरायसिस, ल्यूपस, डेन्ड्रफ, बालों कासूखा, पतला या दोमुंहा होना, बाल झड़ना आदिका उपचार है अलसी।

चिर यौवन का सोता है अलसी।जोड़ की तकलीफों का तोड़ है अलसी। जॉइन्टरिप्लेसमेन्ट सर्जरी का सस्ता और बढ़िया विकल्प हैअलसी।क्रूर, कुटिल, कपटी, कठिन, कष्टप्रद कर्करोग कासस्ता, सरल, सुलभ, संपूर्ण और सुरक्षित समाधान हैअलसी।

प्रतिदिन 30-60 ग्राम खानी चाहिये अलसी। रोजअलसी को मिक्सी के चटनी जार में सूखा पीसकरआटे में मिलाकर रोटी, परांठा, बाटी या बाफलाआदि बनाकर खायें।